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6 Pests For Rice: धान के 6 कीट जिनके बारे में आपको जानना चाहिए

By Suresh

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6 Pests For Rice

धान की फसल भारत में सबसे अधिक उगाई जाने वाली फसल है। यह हमारे देश की खाद्य सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन इस महत्वपूर्ण फसल को कई प्रकार के कीटों का सामना करना पड़ता है जो इसकी पैदावार को नुकसान पहुंचाते हैं। आइए जानते हैं धान की फसल पर हमला करने वाले 6 प्रमुख कीटों के बारे में और उनसे बचाव के उपाय।

6 Pests For Rice | धान का तना छेदक कीट

  • यह धान की फसल का सबसे बड़ा दुश्मन है।
  • यह कीट धान के पौधे के तने में छेद करता है और उसके अंदर अंडे देता है।
  • छेद करने से पौधे की वृद्धि बाधित होती है और वह सूखने लगता है।
  • तना छेदक से बचाव के लिए ट्राइकोग्रामा जैसे जैविक कीटनाशकों का प्रयोग किया जा सकता है।

ब्राउन प्लांट हॉपर

  • यह छोटा कीट धान के पौधे का रस चूस लेता है और पौधे को सूखा देता है।
  • पौधे के पत्ते पीले पड़ जाते हैं और वृद्धि बंद हो जाती है।
  • इसका प्रकोप ज्यादा होने पर पूरी फसल खराब हो सकती है।
  • ब्राउन प्लांट हॉपर से बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रिड जैसे कीटनाशकों का प्रयोग किया जा सकता है।

लीफ फोल्डर

  • यह कीट धान के पौधे के पत्तों को मोड़ देता है और उन्हें खा जाता है।
  • पत्तों को नुकसान पहुँचने से पौधे की वृद्धि प्रभावित होती है।
  • लीफ फोल्डर से बचाव के लिए फेरोमोन ट्रैप लगाए जा सकते हैं।
  • नीम के तेल जैसे जैविक कीटनाशकों का भी प्रयोग किया जा सकता है।

धान का गंधी बग

  • यह एक प्रकार का कीट है जो धान के पौधे का रस चूस लेता है।
  • पौधे की जड़ और तने दोनों से रस चूसकर पौधे को कमजोर कर देता है।
  • पौधे की वृद्धि बुरी तरह प्रभावित होती है।
  • गंधी बग से बचाव के लिए खेत में पानी का स्तर सही रखना चाहिए।
  • नीम के तेल का छिड़काव भी लाभकारी होता है।

ग्रीन लीफहॉपर

  • यह छोटा कीट भी धान के पौधे का रस चूस लेता है।
  • इससे पौधे पर पीले रंग के धब्बे पड़ते हैं और पीला रोग फैलता है।
  • पौधे की वृद्धि रुक जाती है और पैदावार घटती है।
  • ग्रीन लीफहॉपर से बचाव के लिए बीटी का प्रयोग किया जा सकता है।

धान का केसवर्म

  • यह धान के पौधे की पत्तियों पर लार्वा डालता है जो पत्तियों को खा जाता है।
  • पत्तियों में छेद होने से फोटोसिंथेसिस प्रभावित होता है और पौधा कमजोर हो जाता है।
  • केसवर्म से बचाव के लिए सही समय पर कीटनाशकों का प्रयोग करना चाहिए।

इन कीटों के अलावा धान में मक्खियां, टिड्डे आदि भी फसल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। किसानों को अपनी फसल की नियमित जांच करते रहनी चाहिए और किसी भी प्रकार के कीटों के प्रकोप का शुरुआत में ही पता लगाकर उपचार करना चाहिए। सही समय पर कीटनाशकों या जैविक नियंत्रण का प्रयोग करके इन कीटों को नियंत्रित किया जा सकता है और फसल की रक्षा की जा सकती है।

कीटों के नियंत्रण हेतु टिप्स

  • फसल चक्र में विविधता लाएं ताकि मिट्टी की उर्वरता बनी रहे।
  • बीज का उपचार करें।
  • जैविक खाद एवं जैविक कीटनाशकों का प्रयोग करें।
  • फसल की नियमित निगरानी रखें।
  • संतुलित पोषक तत्व दें ताकि पौधे स्वस्थ रहें।

निष्कर्ष

धान की फसल में कीटों के कारण उत्पादन में काफी गिरावट आती है। इन कीटों को समय रहते नियंत्रित करना बेहद जरूरी है। किसान भाइयों को अपनी फसल का नियमित निरीक्षण करते रहना चाहिए और सही समय पर उपचार करके इन कीटों पर काबू पाना चाहिए। यदि समय रहते कीटों को नियंत्रित किया जाए तो धान की फसल की उत्पादकता में काफी वृद्धि हो सकती है।

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धान के कीट नियंत्रण से संबंधित प्रमुख प्रश्न

धान की फसल में सबसे अधिक नुकसान कौन सा कीट करता है?

धान का तना छेदक कीट इस फसल के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदायक होता है। यह फसल के तने में छेद करके अंडे देता है, जिससे पौधा सूखने लगता है और फसल नष्ट हो जाती है।

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धान के पौधे पर पीले धब्बे क्यों पड़ते हैं?

धान के पौधों पर पीले धब्बे ग्रीन लीफहॉपर नामक कीट के कारण पड़ते हैं। यह कीट पौधे का रस चूस लेता है जिससे पत्तों पर पीले रंग के धब्बे पड़ते हैं और पौधा सूखने लगता है।

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धान की फसल में कीट प्रबंधन के लिए क्या करना चाहिए?

  • फसल चक्र में विविधता लानी चाहिए।
  • बीज का उपचार करना चाहिए।
  • जैविक खाद एवं कीटनाशकों का प्रयोग करना चाहिए।
  • फसल की नियमित जांच करते रहनी चाहिए।
  • संतुलित पोषक तत्व देने चाहिए।

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Suresh

मैं सुरेश साहू, 27 वर्षीय किसान और कृषि छात्र हूँ। बिजेपुर गाँव में 10 एकड़ भूमि पर खेती करता हूँ। मेरे पिता के 45 साल के अनुभव के साथ, मुझे 4 साल का अनुभव है। मैं भुवनेश्वर के SOA विश्वविद्यालय के कृषि कॉलेज में दूसरे वर्ष का छात्र हूँ और किसानों की मदद के लिए AgriJankari.com चलाता हूँ।

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