BSURABHI CORIANDER: नमस्कार किसान भाइयों और बहनों! मेरा नाम सुरेश साहू है, मैं एक अनुभवी किसान हूँ और मैंने अपने खेत में “BSURABHI CORIANDER” बीज का प्रयोग किया था। मुझे याद है जब मैंने पहली बार इस बीज के बारे में सुना था, तब मुझे लगा कि यह एक नया और बेहतर विकल्प हो सकता है। मैंने इस बीज को आजमाने का फैसला किया और नतीजे बहुत ही सकारात्मक रहे। मेरे लिए यह एक बहुत ही अच्छा अनुभव रहा जिसे मैं आप सभी के साथ साझा करना चाहता हूँ। आइए, मैं आपको “BSURABHI CORIANDER” के बारे में विस्तार से बताता हूँ।
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“BSURABHI CORIANDER” क्या है?
“BSURABHI CORIANDER” एक बहुत ही उत्पादक धनिया वाली फसल की किस्म है। इसकी खासियत यह है कि इसमें अच्छी मात्रा में पौधा विगर और उत्पादकता होती है। इसकी पत्तियाँ बड़ी, चमकदार और सुगंधित होती हैं। यह एक देर से फूलने वाली किस्म है जिसकी वजह से इससे साल भर फसल ली जा सकती है।
“BSURABHI CORIANDER” की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
- प्रकार: बहु-कटाई वाली
- पौधा विगर: अच्छा
- पत्ती रंग: गहरा हरा
- तना लंबाई: 20-25 सेमी
- बड़ी और चमकदार पत्तियाँ
- अच्छी सुगंध
- देर से फूलने वाली किस्म
- साल भर उगाई जा सकती है
“BSURABHI CORIANDER” विवरण
- बीज का नाम: “BSURABHI CORIANDER”
- बीज का प्रकार: धनिया
- ब्रांड: बी सूरभि
- प्रमुख गुण: उत्पादकता अच्छी, बड़ी पत्तियाँ, सुगंधित
- उपयोग: पत्ते और बीज के लिए
- संवेदनशीलता: ठंड के प्रति संवेदनशील
- उपज: उत्तम
- अंकुरण दर: 80-85%
- पौधों की ऊँचाई: 60-70 सेमी
- कटाई का समय: पहली कटाई 35 दिन बाद, उसके बाद 20-25 दिन में एक बार
- रोग प्रतिरोधक क्षमता: अच्छी
“BSURABHI CORIANDER” बीज के फायदे
- इसमें अच्छा पौधा विगर होता है जिससे पौधे मजबूत बनते हैं
- इसकी पत्तियाँ बड़ी और सुगंधित होती हैं जिससे अच्छी क्वालिटी का उत्पादन होता है
- यह देर से फूलने वाली किस्म है इसलिए इससे कई बार कटाई की जा सकती है
- इसकी उपज अच्छी रहती है जिससे किसानों की आमदनी बढ़ती है
- इसकी अंकुरण दर अच्छी है इसलिए अधिकांश बीज अंकुरित हो जाते हैं
- यह साल भर उगाई जा सकती है इसलिए किसान लंबे समय तक लाभ उठा सकते हैं
“BSURABHI CORIANDER” की खेती के तरीके
- बुवाई का सही समय – खरीफ, रबी और ग्रीष्मकाल में बुवाई कर सकते हैं
- अनुशंसित राज्य – भारत के सभी राज्यों में उगा सकते हैं
- बीज दर – 8-10 किग्रा/एकड़
- मिट्टी – इसे हल्की बलुई मिट्टी में उगाना चाहिए
- तैयारी – जुताई, खरपतवार नियंत्रण और उर्वरक डालना आवश्यक है
- निराई-गोबर की खाद और यूरिया का प्रयोग करें
- सिंचाई – पानी की नियमित आवश्यकता होती है
- कीट नियंत्रण – थाइमेथॉक्साम या इमामेक्टिन बेन्जोएट का छिड़काव
“BSURABHI CORIANDER” की कटाई और उपज
- पहली कटाई 35 दिन बाद की जा सकती है
- इसके बाद 20-25 दिन में एक बार कटाई की जा सकती है
- एक बार कटाई करने पर 250-300 किलोग्राम प्रति एकड़ उपज मिल सकती है
- साल में 2-3 बार कटाई करके कुल मिलाकर 10-12 क्विंटल प्रति एकड़ उपज प्राप्त की जा सकती है
- पत्तियों को सूखने के लिए छाया में सुखाएँ और बीज को धूप में सुखाएँ
- अच्छी क्वालिटी के लिए सही समय पर कटाई बहुत जरूरी है
“BSURABHI CORIANDER” के आर्थिक लाभ
- “BSURABHI CORIANDER” की खेती से किसानों की आय में वृद्धि होती है
- इसकी उपज अच्छी होने से प्रति एकड़ ₹60,000-₹80,000 की कमाई हो सकती है
- पत्ते और बीज दोनों की अच्छी कीमत मिलती है
- एक साल में 2-3 बार कटाई होने से लगातार आमदनी के अवसर मिलते हैं
- कम लागत में अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है
- बाजार में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है
निष्कर्ष
मेरे व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर, मैं “BSURABHI CORIANDER” को अत्यधिक उपज देने वाली एक बहुत ही अच्छी धनिया की किस्म मानता हूँ। इसके बड़े-बड़े और सुगंधित पत्ते बाजार में अच्छी कीमत पर बिकते हैं। इसकी देरी से फूलने वाली प्रकृति और अच्छी उपज किसानों को सालभर में कई बार फसल लेने और अच्छी कमाई करने में मदद करती है। मेरी सलाह है कि अगर आप धनिया की खेती करना चाहते हैं तो एक बार “BSURABHI CORIANDER” को जरूर आजमाएँ, आपको निश्चित रूप से यह पसंद आएगी!
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
“BSURABHI CORIANDER” कितने दिनों में तैयार होता है?
“BSURABHI CORIANDER” की पहली कटाई लगभग 35 दिन बाद की जा सकती है। इसके बाद आप इसे 20-25 दिन के अंतराल पर काट सकते हैं। पूरी फसल तैयार होने में लगभग 2-3 महीने का समय लगता है।
“BSURABHI CORIANDER” कितनी बार कटाई की जा सकती है?
“BSURABHI CORIANDER” एक बहु-कटाई वाली किस्म है। इसे एक साल में लगभग 2-3 बार काटा जा सकता है। पहली कटाई के बाद फसल फिर से उग जाती है और 20-25 दिन बाद दोबारा कटाई की जा सकती है।
“BSURABHI CORIANDER” किस मौसम में सबसे अच्छी फसल देता है?
“BSURABHI CORIANDER” को सालभर उगाया जा सकता है। लेकिन सर्दियों में इसकी फसल उगाने से अच्छा परिणाम मिलता है क्योंकि ठंड के मौसम में पत्तियाँ बड़ी और हरी रहती हैं। गर्मियों में भी अच्छी पैदावार मिलती है लेकिन पत्तियाँ छोटी रहती हैं।