Ankur Ketaki Lobia (Cow Pea) Seeds: भारतीय किसानों के लिए लोबिया या काऊपी एक महत्वपूर्ण फसल है। अंकुर केतकी लोबिया भारत की जलवायु में उगने वाली एक उच्च गुणवत्ता वाली किस्म है। इसमें प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है। अंकुर केतकी लोबिया बीज की खेती से किसानों को कई फायदे हैं। आइए जानते हैं अंकुर केतकी लोबिया की विशेषताओं, फायदों और खेती के तरीकों के बारे में:
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Ankur Ketaki Lobia (Cow Pea) बीज का परिचय
अंकुर केतकी लोबिया भारतीय बाजार के लिए विकसित एक उच्च गुणवत्ता वाला बीज है। इसकी मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- बीज का प्रकार: लोबिया (काऊपी)
- ब्रांड: अंकुर
- प्रमुख गुण: उच्च प्रोटीन, फाइबर और खनिज, अधिक उपज, रोग प्रतिरोधक क्षमता
- उपयोग: दाल के रूप में और सब्जी के रूप में
- संवेदनशीलता: सूखा प्रतिरोधी, मध्यम जलवायु में अच्छा उपज
- औसत उपज: 8-10 क्विंटल प्रति एकड़
- अंकुरण दर: 90% से अधिक
- पौधों की ऊँचाई: 30-35 सेंटीमीटर
- कटाई का समय: 60-70 दिन
- रोग प्रतिरोधक क्षमता: अधिक
Ankur Ketaki Lobia (Cow Pea) बीज के फायदे
अंकुर केतकी लोबिया बीज की खेती से निम्नलिखित फायदे होते हैं:
- उच्च प्रोटीन और पोषक तत्व: लोबिया में प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, फाइबर, विटामिन्स आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
- अधिक उपज: अंकुर केतकी लोबिया से औसतन 8-10 क्विंटल प्रति एकड़ की उपज मिलती है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता: इसमें उखटा रोग, पत्ती का धब्बा रोग आदि के प्रति प्रतिरोधक क्षमता होती है।
- कम पानी की आवश्यकता: यह गैर नरमियत वाली फसल है और कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है।
- जलवायु अनुकूलता: अंकुर केतकी लोबिया भारत की विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में अच्छी तरह उगती है।
- त्वरित अंकुरण: बीज का अंकुरण तेजी से होता है।
- बहुउपयोगिता: इसका उपयोग दाल, सब्जी या चारे के रूप में किया जा सकता है।
Ankur Ketaki Lobia (Cow Pea) की खेती
अंकुर केतकी लोबिया की सफल खेती के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- मिट्टी की तैयारी – गहरी और उपजाऊ बलुई मिट्टी अच्छी रहती है। जुताई और मिट्टी को नरम करना जरूरी है।
- बुवाई – 30-40 सेमी की दूरी पर पंक्तियाँ बनाकर 3-4 सेमी गहराई में बीज बोएँ।
- खाद और उर्वरक – जैविक खाद और फास्फोरस, पोटाश युक्त उर्वरक दें।
- सिंचाई – नियमित सिंचाई जरूरी है, पर अत्यधिक पानी से बचें।
- निराई-गुड़ाई – खरपतवार हटाने और मिटटी को हल्का करने के लिए करें।
- कीट नियंत्रण – जरूरत पड़ने पर उपयुक्त कीटनाशक छिड़काव करें।
Ankur Ketaki Lobia (Cow Pea) की कटाई और उपज
- लोबिया की फसल लगभग 60-70 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
- कटाई के बाद फलियों को सुखाकर दाने अलग किए जाते हैं।
- एक एकड़ में औसतन 8-10 क्विंटल लोबिया की उपज मिलती है।
- उपज में वृद्धि के लिए उन्नत किस्म का बीज और उचित खेती विधियों का पालन करें।
Ankur Ketaki Lobia (Cow Pea) के आर्थिक लाभ
अंकुर केतकी लोबिया से किसानों को निम्न आर्थिक लाभ हो सकते हैं:
- कम लागत में ज्यादा लाभ – बीज की कीमत कम और उपज ज्यादा होने से लाभ अधिक होता है।
- बाजार मूल्य – लोबिया की कीमतें बाजार में अच्छी रहती हैं।
- कम जोखिम – अधिक पैदावार और रोग प्रतिरोधक क्षमता से नुकसान का खतरा कम होता है।
- बहुउपयोगिता – इसे अनाज, सब्जी व चारे के रूप में बेचकर अधिक आमदनी की जा सकती है।
निष्कर्ष
अंत में कहा जा सकता है कि अंकुर केतकी लोबिया एक पौष्टिक और लाभदायक फसल है। इसमें प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों की अधिक मात्रा होती है। साथ ही उच्च उपज और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी इसकी बड़ी विशेषता है। किसान अंकुर केतकी लोबिया की खेती करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं। यह एक बहुउपयोगी फसल है जिसका उपयोग दाल, सब्जी और चारे के रूप में किया जा सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
अंकुर केतकी लोबिया कितने दिनों में तैयार होती है?
अंकुर केतकी लोबिया की फसल लगभग 60-70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसे पूरी तरह पकने पर ही काटना चाहिए।
अंकुर केतकी लोबिया में कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं?
अंकुर केतकी लोबिया में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, लौह तत्व, फाइबर, विटामिन आदि पोषक तत्व उच्च मात्रा में पाए जाते हैं। यह एक पौष्टिक सुपरफूड है।
अंकुर केतकी लोबिया किस प्रकार की जलवायु में अच्छी उपज देती है?
अंकुर केतकी लोबिया गर्मी, बारिश और ठंड के मौसम में भी अच्छी उपज देती है। यह भारत की विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में उगाई जा सकती है।