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चुकंदर की खेती से एक एकड़ में 55,000 रुपये का मुनाफा! जानें पूरी डिटेल | Beetroot Farming Profit Secrets Revealed

By Suresh

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Beetroot Farming Profit Secrets Revealed

क्या आप जानना चाहते हैं कि चुकंदर की खेती से कैसे एक एकड़ में 55,000 रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमाया जा सकता है? इस लेख में हम आपको चुकंदर की खेती की पूरी जानकारी देंगे, जिसमें लागत, आमदनी और प्रॉफिट का विस्तृत विश्लेषण शामिल है। साथ ही, हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इंटरक्रॉपिंग के माध्यम से अपनी आय को और बढ़ा सकते हैं। चलिए, चुकंदर की खेती के इस लाभदायक व्यवसाय को समझते हैं।

चुकंदर की खेती के लिए आवश्यक परिस्थितियां

चुकंदर एक बहुत ही लचीली फसल है जो विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाई जा सकती है। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण बातें ध्यान में रखनी चाहिए:

Beetroot Farming Profit Secrets Revealed
  1. मिट्टी का pH: आदर्श रूप से 6.0 से 7.0 के बीच होना चाहिए।
  2. तापमान: 15 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच सबसे उपयुक्त है।
  3. पोषक तत्व: चुकंदर में पोटेशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, आयोडीन, विटामिन सी और विटामिन बी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

चुकंदर की खेती में लागत का विवरण

एक एकड़ चुकंदर की खेती के लिए अनुमानित लागत इस प्रकार है:

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  1. बीज: 5,428 रुपये (1 किलो हाइब्रिड बीज)
  2. खेत की तैयारी: 2,500 रुपये
  3. गोबर की खाद: 4,000 रुपये
  4. रासायनिक उर्वरक: 1,100 रुपये
  5. खरपतवार नाशक: 400 रुपये
  6. कीटनाशक स्प्रे: 800 रुपये
  7. श्रम शुल्क: 5,000 रुपये
  8. परिवहन: 3,000 रुपये
  9. निंदाई-गुड़ाई: 1,500 रुपये

कुल लागत: लगभग 24,888 रुपये

ध्यान दें: यह लागत स्थानीय परिस्थितियों और बाजार की कीमतों के अनुसार भिन्न हो सकती है।

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चुकंदर के बीज के प्रकार और उनकी विशेषताएं

बीज का नामबीज का प्रकारब्रांडप्रमुख गुणउपयोगसंवेदनशीलताउपज (टन/एकड़)अंकुरण दरपौधों की ऊंचाईकटाई का समयरोग प्रतिरोधक क्षमता
देशी चुकंदरओपन-पॉलिनेटेडस्थानीयमजबूत, सूखा सहनसब्जी, जूसकम10-1585-90%30-40 cm60-70 दिनमध्यम
डिट्रॉइट डार्क रेडहाइब्रिडसेमिनिसगहरा लाल रंग, मीठासलाद, पकानामध्यम15-2090-95%35-45 cm55-60 दिनउच्च
क्रिमसन ग्लोबहाइब्रिडबीजो शेखगोल आकार, चिकनासब्जी, कैनिंगकम18-2292-97%40-50 cm50-55 दिनउच्च
गोल्डन बीटविशेषरेयर सीड्ससुनहरा रंग, नोवेलगार्निश, सलादउच्च8-1280-85%25-35 cm65-75 दिननिम्न

चुकंदर के बीज के फायदे

  1. पोषण से भरपूर: चुकंदर विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट का एक समृद्ध स्रोत है।
  2. रक्त शुद्धिकरण: नाइट्रेट्स की उच्च मात्रा रक्त प्रवाह में सुधार करती है।
  3. एथलीटों के लिए लाभदायक: प्राकृतिक ऊर्जा बूस्टर के रूप में कार्य करता है।
  4. पाचन में सहायक: फाइबर की अच्छी मात्रा पाचन को बेहतर बनाती है।
  5. कैंसर-रोधी गुण: बीटालेन नामक यौगिक कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करता है।

चुकंदर की खेती के तरीके

  1. बीज की बुवाई: लाइनों में 1-1.5 फीट की दूरी पर करें, पौधों के बीच 5-7 इंच का अंतर रखें।
  2. सिंचाई: नियमित अंतराल पर हल्की सिंचाई करें, लेकिन जलभराव से बचें।
  3. खाद और उर्वरक: बुवाई के समय गोबर की खाद और NPK उर्वरक का प्रयोग करें।
  4. निराई-गुड़ाई: नियमित रूप से खरपतवार हटाएं और मिट्टी को भुरभुरा रखें।
  5. कीट नियंत्रण: आवश्यकतानुसार जैविक या रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करें।

चुकंदर की कटाई और उपज

  1. कटाई का समय: बुवाई के 60-70 दिनों के बाद।
  2. कटाई का तरीका: पौधे को जड़ से खींचकर या खोदकर निकालें।
  3. उपज: एक एकड़ से औसतन 80-120 क्विंटल की उपज प्राप्त होती है।
  4. भंडारण: ठंडे और सूखे स्थान पर 2-3 महीने तक संरक्षित किया जा सकता है।

चुकंदर के आर्थिक लाभ

  1. उत्पादन: एक एकड़ से लगभग 8,000 किलोग्राम (80 क्विंटल)
  2. बाजार मूल्य: औसतन 10 रुपये प्रति किलोग्राम
  3. कुल आमदनी: 8,000 x 10 = 80,000 रुपये
  4. कुल लागत: लगभग 24,888 रुपये
  5. शुद्ध लाभ: 80,000 – 24,888 = 55,112 रुपये
  6. लाभ प्रतिशत: लगभग 221%

निष्कर्ष

चुकंदर की खेती न केवल लाभदायक है, बल्कि यह एक पौष्टिक फसल भी है जो किसानों के लिए आय का एक अच्छा स्रोत बन सकती है। सही तकनीकों और प्रबंधन के साथ, आप प्रति एकड़ 55,000 रुपये से अधिक का शुद्ध लाभ कमा सकते हैं। इसके अलावा, इंटरक्रॉपिंग जैसी तकनीकों का उपयोग करके आप अपनी आय को और बढ़ा सकते हैं। याद रखें, सफलता का मूल मंत्र है – सही योजना, मेहनत और धैर्य। तो आइए, चुकंदर की खेती के इस आकर्षक अवसर का लाभ उठाएं और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

चुकंदर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त मौसम कौन सा है?

सबसे उपयुक्त समय सितंबर-अक्टूबर से नवंबर-दिसंबर के बीच है। 15 अक्टूबर से नवंबर के मध्य बुवाई करने पर फसल पर कीट का प्रकोप कम होता है और उत्पादन अधिकतम होता है।

क्या चुकंदर की खेती के साथ अन्य फसलों की इंटरक्रॉपिंग संभव है?

हां, चुकंदर के साथ कई फसलों की सफल इंटरक्रॉपिंग की जा सकती है। बैंगन, ब्रोकोली, बीन्स, पत्तागोभी, फूलगोभी, लेट्यूस, प्याज, मटर और गाजर जैसी फसलें चुकंदर के साथ अच्छी तरह से उगाई जा सकती हैं।

चुकंदर की खेती में किस तरह के रोग और कीट समस्याएं आती हैं?

चुकंदर में सामान्यतः बहुत अधिक रोग या कीट समस्याएं नहीं आती हैं। फिर भी, पत्ती धब्बा रोग, जड़ सड़न, और अफिड जैसे कीट कभी-कभी समस्या पैदा कर सकते हैं। नियमित निगरानी और समय पर उपचार से इन समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है।

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Suresh

मैं सुरेश साहू, 27 वर्षीय किसान और कृषि छात्र हूँ। बिजेपुर गाँव में 10 एकड़ भूमि पर खेती करता हूँ। मेरे पिता के 45 साल के अनुभव के साथ, मुझे 4 साल का अनुभव है। मैं भुवनेश्वर के SOA विश्वविद्यालय के कृषि कॉलेज में दूसरे वर्ष का छात्र हूँ और किसानों की मदद के लिए AgriJankari.com चलाता हूँ।

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