डोलिकोस, जिसे हम सेम या बीन्स के नाम से भी जानते हैं, एक ऐसी फसल है जो किसानों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है। आइए जानें इसकी खेती के बारे में विस्तार से।
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Dolichos की खेती: एक परिचय
डोलिकोस एक बहुउपयोगी फलीदार पौधा है। इसकी हरी फलियाँ न केवल स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि पोषण से भी भरपूर होती हैं। भारत में इसे विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे सेम, बीन्स, या हायसिंथ बीन।
Dolichos के बीज की जानकारी
डोलिकोस के बीज चुनने से लेकर उन्हें लगाने तक, हर चरण महत्वपूर्ण है। आइए देखें कुछ प्रमुख बिंदु:
- बीज का चयन: स्वस्थ और प्रमाणित बीज चुनें
- बीज की मात्रा: प्रति एकड़ लगभग 20-25 किलोग्राम
- बीज उपचार: बुवाई से पहले बीजों को फफूंदनाशक से उपचारित करें
- बुवाई का समय: खरीफ फसल के लिए जून-जुलाई, रबी फसल के लिए अक्टूबर-नवंबर
Dolichos के बीज का विवरण
बीज का नाम | बीज का प्रकार | ब्रांड | प्रमुख गुण | उपयोग | संवेदनशीलता | उपज | अंकुरण दर | पौधों की ऊंचाई | कटाई का समय | रोग प्रतिरोधक क्षमता |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
डोलिकोस हाइब्रिड | हाइब्रिड | एग्रो सीड्स | उच्च उपज, बेहतर स्वाद | ताजा उपभोग और प्रसंस्करण | मध्यम | 15-20 टन/हेक्टेयर | 90% | 2-3 मीटर | बुवाई के 60-70 दिन बाद | उच्च |
Dolichos के बीज के फायदे
डोलिकोस के बीज न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होते हैं। इनमें प्रोटीन, फाइबर, और विटामिन की भरपूर मात्रा होती है। नियमित सेवन से पाचन क्रिया सुधरती है और रक्त शर्करा नियंत्रित रहती है।
Dolichos की खेती के तरीके
डोलिकोस की सफल खेती के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- मिट्टी की तैयारी: अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त है।
- बुवाई: पंक्तियों में 60-75 सेमी की दूरी पर बीज बोएं।
- सिंचाई: नियमित अंतराल पर हल्की सिंचाई करें।
- खाद और उर्वरक: जैविक खाद का प्रयोग करें। NPK 20:40:40 की दर से दें।
- खरपतवार नियंत्रण: समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें।
Dolichos की कटाई और उपज
डोलिकोस की फसल आमतौर पर बुवाई के 60-70 दिनों बाद तैयार हो जाती है। फलियाँ जब हरी और कोमल हों, तब उन्हें तोड़ लें। एक अच्छी फसल से 15-20 टन प्रति हेक्टेयर उपज प्राप्त की जा सकती है।
Dolichos के आर्थिक लाभ
डोलिकोस की खेती किसानों के लिए काफी लाभदायक हो सकती है। इसकी मांग बाजार में लगातार बनी रहती है। साथ ही, इसकी खेती में लागत भी कम आती है। एक अनुमान के अनुसार, प्रति एकड़ 50,000 से 70,000 रुपये तक का शुद्ध लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
निष्कर्ष
डोलिकोस या सेम की खेती न केवल किसानों के लिए लाभदायक है, बल्कि यह एक पौष्टिक फसल भी है जो हमारे आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकती है। सही तकनीक और देखभाल के साथ, आप भी इस फसल से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। तो क्यों न इस बार अपने खेत में डोलिकोस की खेती करके देखें?