Pioneer 45S46 Mustard: सरसों की खेती भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है। पायनियर 45S46 सरसों की किस्म उच्च उपज और बेहतर तेल प्रतिशत के लिए जानी जाती है। आइए इस लेख में जानें कैसे करें पायनियर 45S46 सरसों की खेती और क्या हैं इसके फायदे।
Contents
Pioneer 45S46 Mustard के बीज की विशेषताएँ
Pioneer 45S46 Mustard के बीज की प्रमुख विशेषताओं को समझना जरूरी है:
विवरण | जानकारी |
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बीज का नाम | Pioneer 45S46 Mustard |
बीज का प्रकार | हाइब्रिड |
ब्रांड | पायनियर |
प्रमुख गुण | उच्च उपज, बेहतर तेल प्रतिशत |
उपयोग | खाद्य तेल उत्पादन |
संवेदनशीलता | कम |
उपज | 20-25 क्विंटल/हेक्टेयर |
अंकुरण दर | 90-95% |
पौधों की ऊंचाई | 150-170 सेमी |
कटाई का समय | 110-120 दिन |
रोग प्रतिरोधक क्षमता | उच्च |
Pioneer 45S46 Mustard के बीज के फायदे
पायनियर 45S46 सरसों के बीज कई फायदे प्रदान करते हैं:
- उच्च उपज क्षमता
- बेहतर तेल प्रतिशत
- रोग प्रतिरोधक क्षमता
- विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में अनुकूलन
- कम पानी की आवश्यकता
Pioneer 45S46 Mustard की खेती के तरीके
पायनियर 45S46 सरसों की खेती के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- भूमि की तैयारी: दोमट मिट्टी में गहरी जुताई करें।
- बुवाई का समय: अक्टूबर से नवंबर के बीच बुवाई करें।
- बुवाई की विधि: सीडड्रिल या छिड़काव विधि का उपयोग करें।
- बुवाई की दूरी: पंक्तियों के बीच 30-45 सेमी और पौधों के बीच 15 सेमी की दूरी रखें।
- सिंचाई: बुवाई के तुरंत बाद, 25-30 दिनों के बाद, और फूल आने के समय सिंचाई करें।
- उर्वरक प्रबंधन: प्रति हेक्टेयर 15-20 टन गोबर की खाद, 40-50 किग्रा नाइट्रोजन, 20-25 किग्रा फास्फोरस, और 20-25 किग्रा पोटाश का उपयोग करें।
- रोग और कीट प्रबंधन: समय-समय पर फफूंदनाशक और कीटनाशकों का छिड़काव करें।
Pioneer 45S46 Mustard की कटाई और उपज
पायनियर 45S46 सरसों की फसल 110-120 दिनों में तैयार हो जाती है। कटाई के लिए निम्न बातों का ध्यान रखें:
- कटाई का सही समय: फली का रंग हरा से हल्का पीला होने पर कटाई करें।
- कटाई की विधि: हाथ से या हार्वेस्टर मशीन का उपयोग करें।
- सुखाने की प्रक्रिया: कटाई के बाद फसल को धूप में सुखाएं।
- उपज: प्रति हेक्टेयर 20-25 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है।
Pioneer 45S46 Mustard के आर्थिक लाभ
पायनियर 45S46 सरसों की खेती से किसानों को अच्छा आर्थिक लाभ मिल सकता है:
- उच्च उपज: प्रति हेक्टेयर 20-25 क्विंटल उपज।
- बेहतर बाजार मूल्य: सरसों की अच्छी कीमत बाजार में मिलती है।
- कम लागत: रोग प्रतिरोधक होने के कारण कीटनाशकों पर कम खर्च।
- अतिरिक्त आय: उच्च तेल प्रतिशत के कारण तेल निकालने वाली मिलों में अधिक मांग।
निष्कर्ष
पायनियर 45S46 सरसों की किस्म भारतीय किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। इसकी उच्च उपज क्षमता, बेहतर तेल प्रतिशत, और रोग प्रतिरोधक क्षमता इसे अन्य किस्मों से अलग बनाती है। सही तरीके से खेती करने पर, किसान इस किस्म से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। हालांकि, याद रखें कि खेती की सफलता स्थानीय जलवायु, मिट्टी के प्रकार, और प्रबंधन प्रथाओं पर भी निर्भर करती है। इसलिए, अपने क्षेत्र के कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेना हमेशा फायदेमंद होता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Pioneer 45S46 Mustard की बुवाई का सबसे अच्छा समय क्या है?
पायनियर 45S46 सरसों की बुवाई का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से नवंबर के बीच होता है। इस समय तापमान और मौसम की स्थितियाँ सरसों की अच्छी वृद्धि और उपज के लिए अनुकूल होती हैं।
पायनियर 45S46 सरसों की फसल को कितनी बार सिंचाई की आवश्यकता होती है?
पायनियर 45S46 सरसों की फसल को तीन बार सिंचाई की आवश्यकता होती है: पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद, दूसरी सिंचाई 25-30 दिनों के बाद, और तीसरी सिंचाई फूल आने के समय।
पायनियर 45S46 सरसों से प्रति हेक्टेयर कितनी उपज प्राप्त की जा सकती है?
पायनियर 45S46 सरसों की किस्म से प्रति हेक्टेयर लगभग 20-25 क्विंटल तक उपज प्राप्त की जा सकती है। यह उपज मिट्टी की गुणवत्ता, जलवायु परिस्थितियों और खेती के प्रबंधन पर निर्भर करती है।