tamatar ki kheti Kese Kare: टमाटर की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय है। 2024 में टमाटर की उन्नत खेती के लिए यह गाइड आपको स्टेप बाय स्टेप जानकारी प्रदान करेगी। चलिए जानते हैं कैसे करें टमाटर की सफल खेती!
Contents
- 1 टमाटर की उन्नत किस्में और बीज चुनाव
- 2 टमाटर की खेती का सही समय
- 3 नर्सरी तैयारी के टिप्स
- 4 खेत की तैयारी और प्लांटेशन
- 5 प्लांटेशन प्रक्रिया
- 6 बंधाई (स्टेकिंग) का महत्व
- 7 सिंचाई प्रबंधन
- 8 खाद प्रबंधन (ड्रिप सिंचाई के लिए)
- 9 रोग और कीट प्रबंधन
- 10 स्प्रे शेड्यूल (प्रति 15 लीटर पानी)
- 11 फसल कटाई और उपज
- 12 आर्थिक पहलू
- 13 निष्कर्ष
टमाटर की उन्नत किस्में और बीज चुनाव
बरसात के मौसम में टमाटर की खेती के लिए निम्न किस्मों का चयन करें:
- अर्का रक्षक: यह किस्म सभी प्रकार की जलवायु और मिट्टी के लिए उपयुक्त है। फल का साइज बड़ा होता है।
- साहो O 3251 (सिजेंटा): इस किस्म से 60-65 टन प्रति एकड़ उपज मिल सकती है। फल का वजन लगभग 90 ग्राम होता है।
- अभिलाष F1 (सेनीज): यह किस्म देसी स्वाद वाली है और 50-80 टन प्रति एकड़ उपज दे सकती है।
- US 1504 और US 1508 (US Agri Seeds): मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में लोकप्रिय किस्में।
- NS 962 (नामधारी सीड्स): यह भी एक अच्छी किस्म है जो उच्च उत्पादन देती है।
टमाटर की खेती का सही समय
- 12 महीने खेती संभव है, लेकिन सबसे अनुकूल समय: जुलाई मध्य से अगस्त मध्य तक
- नर्सरी तैयारी: 20-25 दिन पहले
नर्सरी तैयारी के टिप्स
- घर में ही व्हाइट या ग्रीन शेड नेट का उपयोग करें
- वर्मी कम्पोस्ट और कोकोपीट में पौधे तैयार करें
- फंगीसाइड जैसे UPL की साफ, रोको, या थायोफेनेट मिथाइल का प्रयोग करें
- कीटनाशक जैसे इमिडाक्लोप्रिड या थायमेथोक्साम का प्रयोग करें
- पीलेपन की समस्या के लिए: NPK 19:19:19 (100 ग्राम) + ह्यूमिक एसिड (50 ग्राम) + क्वांटम (15 मिली) का घोल बनाकर स्प्रे करें
खेत की तैयारी और प्लांटेशन
- खेत की अच्छी तरह सफाई करें
- चारों तरफ ग्रीन नेट लगाएं
- बेड तैयार करें: चौड़ाई 3 फीट, बेड से बेड की दूरी 4-5 फीट
- बेड की ऊंचाई: 1-1.5 फीट (बरसात के मौसम में ज्यादा ऊंचा रखें)
- मल्चिंग पेपर बिछाएं (25-30 माइक्रोन)
- ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगाएं (16 mm लाइन)
बेसल डोज (प्रति एकड़)
- गोबर की खाद: 4 ट्रॉली
- DAP: 50 kg
- सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP): 2 बैग
- म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP): 35 kg
- कार्बोफ्यूरान (GR फॉर्म): 5 kg
प्लांटेशन प्रक्रिया
- पौधे से पौधे की दूरी: 2 फीट
- लाइन से लाइन की दूरी: 4.5-5 फीट
- एक एकड़ में आवश्यक पौधे: 15,000-16,000
- प्लांटेशन से पहले हल्की सिंचाई करें
- शाम के समय प्लांटेशन करें
- प्लांटेशन के बाद 45 मिनट तक सिंचाई करें
बंधाई (स्टेकिंग) का महत्व
टमाटर की बंधाई करना बहुत जरूरी है। इससे फसल को कई फायदे होते हैं:
- फंगस का प्रकोप 80% तक कम हो जाता है
- फसल ज्यादा उत्पादन देती है
- फल मिट्टी में नहीं पड़ते, जिससे सड़ने की समस्या कम होती है
बंधाई की विधि
- बांस का उपयोग करें (7-8 फीट लंबे)
- एक एकड़ में 1700-1800 बांस की आवश्यकता
- GI तार की जगह पैड वायर या ब्लैक रस्सी का उपयोग करें
- पहली बंधाई: प्लांटेशन के 20-25 दिन बाद
- लगातार बंधाई करते रहें जैसे-जैसे पौधा बढ़ता है
सिंचाई प्रबंधन
- बरसात के मौसम में ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं
- ड्रिप से 2-2 दिन के अंतराल पर 1-2 घंटे सिंचाई करें
- जड़ों के पास की मिट्टी का लड्डू बनाकर जांच करें:
- अगर लड्डू फूट जाए तो सही मात्रा में पानी दे रहे हैं
- अगर लड्डू एकदम बंद रहे तो ज्यादा पानी दे रहे हैं
खाद प्रबंधन (ड्रिप सिंचाई के लिए)
ड्रिप सिंचाई में घुलनशील खाद का प्रयोग करें। खाद का शेड्यूल:
- पहली खाद (10-12 दिन): NPK 19:19:19 (3 kg) + 12:61:0 (1 kg)
- दूसरी खाद (25-30 दिन): NPK 19:19:19 (4 kg) + 12:61:0 (1.5 kg)
- तीसरी खाद (40-45 दिन): NPK 19:19:19 (5 kg) + 12:61:0 (2 kg)
- चौथी खाद (55-60 दिन): NPK 13:0:45 (5 kg) + 12:61:0 (2 kg)
- पांचवीं खाद (70-75 दिन): NPK 13:0:45 (6 kg) + 0:0:50 (3 kg)
- छठी खाद (85-90 दिन): NPK 13:0:45 (7 kg) + 0:0:50 (3 kg)
अतिरिक्त पोषक तत्व
- ह्यूमिक एसिड
- कैल्शियम नाइट्रेट
- बोरॉन
- चिलेटेड माइक्रोन्यूट्रिएंट्स
- चिलेटेड जिंक
- चिलेटेड कैल्शियम
रोग और कीट प्रबंधन
टमाटर की फसल में कई रोग और कीट लग सकते हैं। प्रमुख समस्याएं और उनका नियंत्रण:
कीट
- थ्रिप्स
- व्हाइट फ्लाई
- एफिड्स
- लीफ माइनर
- फली छेदक
रोग
- अर्ली ब्लाइट
- लेट ब्लाइट
- पाउडरी मिल्ड्यू
- डाउनी मिल्ड्यू
- बैक्टीरियल विल्ट
नियंत्रण के उपाय
- नियमित स्प्रे शेड्यूल का पालन करें
- रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें
- खेत की स्वच्छता बनाए रखें
- संतुलित पोषण प्रबंधन करें
- जैविक नियंत्रण विधियों का उपयोग करें (जैसे ट्राइकोडर्मा, नीम तेल)
स्प्रे शेड्यूल (प्रति 15 लीटर पानी)
- पहला स्प्रे (15-20 दिन): मैंकोजेब 75% WP (40g) + इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL (10ml) + सिलिकॉन वेटर (5ml)
- दूसरा स्प्रे (30-35 दिन): फेनामिडोन 10% + मैंकोजेब 50% WG (30g) + स्पाइरोमेसिफेन 22.9% SC (7ml)
- तीसरा स्प्रे (45-50 दिन): डाइमेथोमोर्फ 50% WP (20g) + हेक्साकोनाजोल 5% EC (30ml)
- चौथा स्प्रे (60-70 दिन): एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 23% SC (10ml) + डाइफेनकोनाजोल 25% EC (10ml)
- पांचवां स्प्रे (85-90 दिन): फिप्रोनिल 5% SC (30ml) + प्रोपिकोनाजोल 25% EC (10ml)
फसल कटाई और उपज
- फसल तैयार होने का समय: प्लांटेशन के 60-65 दिन बाद पहली तुड़ाई
- कुल फसल अवधि: 6-8 महीने
- संभावित उपज: 70-80 टन प्रति एकड़
आर्थिक पहलू
- लागत: ₹1,50,000 – ₹1,60,000 प्रति एकड़
- संभावित आय: ₹3-4 लाख प्रति एकड़ (बाजार मूल्य के आधार पर)
निष्कर्ष
टमाटर की खेती 2024 में एक लाभदायक व्यवसाय हो सकता है। सही किस्म का चयन, उचित देखभाल, और समय पर रोग व कीट प्रबंधन से आप अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं। नवीनतम तकनीकों जैसे ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग का उपयोग करके आप अपनी उत्पादकता और लाभ को और बढ़ा सकते हैं। याद रखें, सफलता की कुंजी है नियमित देखभाल और समस्याओं का समय पर समाधान। अपने क्षेत्र के कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेते रहें और अपने अनुभवों से सीखते रहें। आशा है यह गाइड आपकी टमाटर की खेती को सफल बनाने में मददगार साबित होगा।